Mai Uma Sailar _ Uma Likhti Hai _ and so lekhni
जो मैं होना चाहती हूं जहां मैं बस कुछ नहीं चाहती हूं। जो मैं होना चाहती हूं जहां मैं बस कुछ नहीं चाहती हूं।
और बाकी दिन में कहें बात लेत विदाई अभी हम जात और बाकी दिन में कहें बात लेत विदाई अभी हम जात
लो अम्मा ! बनवा दो मेरी गुमठी अच्छी। लो अम्मा ! बनवा दो मेरी गुमठी अच्छी।
विस्तार कर रही है कभी और जाने के लिए है मग्न वो अभी चाहत से मिल पाने के लिए। विस्तार कर रही है कभी और जाने के लिए है मग्न वो अभी चाहत से मिल पाने क...
सब करते मतलब से बात नहीं खुलते मदद– ए किवाड़ सब करते मतलब से बात नहीं खुलते मदद– ए किवाड़
आसमां है रिक्त अभी,,, संतोष तुझपे ही मिले मुझे,,, आसमां है रिक्त अभी,,, संतोष तुझपे ही मिले मुझे,,,
सर्द का आलम अजब धूप न निकली न ही सूरज चढ़ा सर्द का आलम अजब धूप न निकली न ही सूरज चढ़ा