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मुस्कराहटें भी, बेदम होकर गिरी। ख़ुशियाँ पैसों की, शुक्रगुजार हुई।। मुस्कराहटें भी, बेदम होकर गिरी। ख़ुशियाँ पैसों की, शुक्रगुजार हुई।।
दिलों में स्वार्थ भरा, हवा बेचैन है। नीरस आहें भी, आज गुंज़ार हुई।। दिलों में स्वार्थ भरा, हवा बेचैन है। नीरस आहें भी, आज गुंज़ार हुई।।
क्यों माया में घुटता स्वप्न, विश्वास का।। क्यों माया में घुटता स्वप्न, विश्वास का।।
कहीं रोटी, तो कहीं भूख नहीं होती। कहीं दीवारें, तो कहीं धूप नहीं होती। कहीं रोटी, तो कहीं भूख नहीं होती। कहीं दीवारें, तो कहीं धूप नहीं होती।
पवित्र नदियों के निर्मल जल को बना गया जहरीला पानी! पवित्र नदियों के निर्मल जल को बना गया जहरीला पानी!
जल के घेरे में, प्यासे-प्यासे; अब जीवन कोहराम बना। जल के घेरे में, प्यासे-प्यासे; अब जीवन कोहराम बना।
नीरस बेख़ुदी में ही, वो गुनाह कर गया। नीरस बेख़ुदी में ही, वो गुनाह कर गया।
तमस की गुहा में क्यों, स्त्रियाँ अब जल रहीं। तमस की गुहा में क्यों, स्त्रियाँ अब जल रहीं।
अनंत की राह में। चिंतन की चाह में। अनंत की राह में। चिंतन की चाह में।
उजले दर्पण-सा तू ही। अब मुझमें साकार हो। उजले दर्पण-सा तू ही। अब मुझमें साकार हो।