Ojas
अनगिनते घावों को खाकर, देखो ! हरा भरा हूँ, मैं अखण्ड भारत हूँ प्यारे! अनगिनते घावों को खाकर, देखो ! हरा भरा हूँ, मैं अखण्ड भारत हूँ प्यारे!
मेघों ने जब ओट बनाकर, सूर्य किरण को ढँका घनेरा, वक्ष चीरता वही जलद का, निकला उजला नया सवेरा।। धु... मेघों ने जब ओट बनाकर, सूर्य किरण को ढँका घनेरा, वक्ष चीरता वही जलद का, निकला ...
बाहर आना, तनिक न भाया! फैला रोग - विशेष! बाहर आना, तनिक न भाया! फैला रोग - विशेष!
जोड़ तोड़ को अब मरोड़ दें यह संकल्प हमारा, कहो कहो क्या। जोड़ तोड़ को अब मरोड़ दें यह संकल्प हमारा, कहो कहो क्या।
देह की हांडी, मनुजता नीर से, सौम्यता आहार तुम बनना सतत ! देह की हांडी, मनुजता नीर से, सौम्यता आहार तुम बनना सतत !
मत झाँको अपनों के मन में, यार! बहुत ही छल निकलेगा! मत झाँको अपनों के मन में, यार! बहुत ही छल निकलेगा!
मर्यादा के चीर-हरण की, थाह ! कहाँ ले जायेगी ? ये राह कहाँ ले जायेगी, ये चाह....। मर्यादा के चीर-हरण की, थाह ! कहाँ ले जायेगी ? ये राह कहाँ ले जायेगी, ये चाह.....
तन-मन से जो बड़ी सरल या प्रेम लता - सी लगती हैं आ जाये समय तो वो ज्वाला शत्रु पर भारी पढ़ती हैं। तन-मन से जो बड़ी सरल या प्रेम लता - सी लगती हैं आ जाये समय तो वो ज्वाला शत्रु...
वातायन से गन्ध पवन ने, आकर आलस जीत लिया है, निर्माणों की गाथाओं ने मन को नव परिवेश दिया है || वातायन से गन्ध पवन ने, आकर आलस जीत लिया है, निर्माणों की गाथाओं ने मन को नव प...
फुटपाथों पर भूख चीखती, निकल रहे आँखें मूँदे ! खामोशी से सब सहने को बोलो ! हिम्मत कितनी हो ? फुटपाथों पर भूख चीखती, निकल रहे आँखें मूँदे ! खामोशी से सब सहने को बोलो ! हिम...