इमानदारी का आईना है मेरी कलम
जब तक वृक्ष है तब तक जीवन है हमारा फिर भी तू वृक्ष काट रहा है। जब तक वृक्ष है तब तक जीवन है हमारा फिर भी तू वृक्ष काट रहा है।
मुझे बुखार हो जाने पर सारी रात जागते हुए तुम्हें देखा है! मुझे बुखार हो जाने पर सारी रात जागते हुए तुम्हें देखा है!
ईश्वर ने ही बनाया है प्रेम को इसकी महिमा अपरंपार है ! ईश्वर ने ही बनाया है प्रेम को इसकी महिमा अपरंपार है !
कम होता मनुष्य का मान है हां मेरा भी अपना स्वाभिमान है। कम होता मनुष्य का मान है हां मेरा भी अपना स्वाभिमान है।
जहां ना मन में अहंकार था ना बड़े होने का घमंड! एक दूसरे के प्रति समर्पण भाव बिखरता था! यह संदेश जग... जहां ना मन में अहंकार था ना बड़े होने का घमंड! एक दूसरे के प्रति समर्पण भाव बिख...
अपनी शीतलता चंचलता और लोरियों से मनाया करो ! अपनी शीतलता चंचलता और लोरियों से मनाया करो !
यह संकल्प हर व्यक्ति से करवाएँ यह संकल्प हर व्यक्ति से करवाएँ