अपना परिचय मैं क्या दूं बस इतना ही के लोग मुझे सुधी सिद्धार्थ के नाम से जानते हैं।
लुटाकर सब कुछ तुम पर मालामाल हो जाऊं। लुटाकर सब कुछ तुम पर मालामाल हो जाऊं।
उड़ो परवाज़ ऐसी कोई सदा सुनाई न दे और चीखें ऐसी दुनिया की हर शय हिले उड़ो परवाज़ ऐसी कोई सदा सुनाई न दे और चीखें ऐसी दुनिया की हर शय हिले
बहुत देर हो गई बाकी का किस्सा बाद में सुनाते हैं। बहुत देर हो गई बाकी का किस्सा बाद में सुनाते हैं।
सत्य है करुणा तेरी, पर पीड़ा उस पर भारी है। सत्य है करुणा तेरी, पर पीड़ा उस पर भारी है।
सोचती हूं कैसा रिश्ता है मेरा "मेरी डायरी" से मैं इसमें हूं या ये मुझसे है। सोचती हूं कैसा रिश्ता है मेरा "मेरी डायरी" से मैं इसमें हूं या ये मुझसे ह...
अब स्पष्ट है भ्रम नहीं हम किसी से कम नहीं। अब स्पष्ट है भ्रम नहीं हम किसी से कम नहीं।
उस कैनवस पर जिस पर मेरी तस्वीर बनाई थी तुमने। उस कैनवस पर जिस पर मेरी तस्वीर बनाई थी तुमने।
मेरा समस्त जीवन मुझे आसान चाहिए। मेरा समस्त जीवन मुझे आसान चाहिए।