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बड़े -बुजुर्गों की तरह, जो नहीं हैं इस जहाँ में। बड़े -बुजुर्गों की तरह, जो नहीं हैं इस जहाँ में।
शहद घोल "ममता" लबों से पुकारे। रहूँ छाँव तेरे वो तल लिख रही हूँ॥ शहद घोल "ममता" लबों से पुकारे। रहूँ छाँव तेरे वो तल लिख रही हूँ॥
गर्मी की तपन न ठंड की कंपन, मन प्रफुल्लित जो करे बाग देख हरी-भरे गर्मी की तपन न ठंड की कंपन, मन प्रफुल्लित जो करे बाग देख हरी-भरे
नजर से गिर गया मैंने नहीं फिर मुँह उधर फेरा। नजर से गिर गया मैंने नहीं फिर मुँह उधर फेरा।
बसंत आया बसंत आया
कहीं नीली खिली पीली, दिखे लाली बिखेरे है। बहकता मन सवेरे ओस, की बूँदें बिखेरे है॥ कहीं नीली खिली पीली, दिखे लाली बिखेरे है। बहकता मन सवेरे ओस, की बूँदे...
स्वागत है, हे वसंत ऋतु, स्नेहशील शब्दों से, अनंत गहराई से जो निकली। स्वागत है, हे वसंत ऋतु, स्नेहशील शब्दों से, अनंत गहराई से जो निकली।
मग्न अपने धुन पुकारे सुख नयन होगा। कूक कोयल संग पूछे कब सजन होगा॥ मन मचल तन जल रहा कब प्रिय मिलन ह... मग्न अपने धुन पुकारे सुख नयन होगा। कूक कोयल संग पूछे कब सजन होगा॥ मन मचल तन जल...