वसंत ऋतु का आगमन
वसंत ऋतु का आगमन
1 min
385
स्वागत है, हे वसंत ऋतु, स्नेहशील शब्दों से,
अनंत गहराई से जो निकली।
न ठंड का प्रकोप, न गर्मी किया तपिश
उमंग का अहसास कराती,
उमड़ते भावनाओं में उलझी,
मिलन से परिचय कराती।
मस्त पवन का यूँ छु कर जाना,
लगता,बरसों की है चाह पुरानी,
पुष्प इठलाते रंगों में,
उपवन के अंगों में।
मुरझाये चेहरे सबके,
खिलखिला उठे।
आगोश रहते जो गमों के,
कोमल पंकुडियों का स्पर्श ऊर्जा का रसपान कराते।
