थोड़ा बहुत पढ़ने लिखने का शौक है तो भावों को कलमबद्ध कर मन शान्त हो जाता है
व्यवस्था बनाने की हिम्मत टूट चली थोड़ी थकान बढ़ चली। व्यवस्था बनाने की हिम्मत टूट चली थोड़ी थकान बढ़ चली।
दिल का दर्द बयाँ करते आँसू मन को भी हल्का कर कहाँ से चुराऊँ । दिल का दर्द बयाँ करते आँसू मन को भी हल्का कर कहाँ से चुराऊँ ।
पूरे करने का मौसम तो अब आया है चलो हम तुम तुम हम बन जायें। पूरे करने का मौसम तो अब आया है चलो हम तुम तुम हम बन जायें।
तो अब आया है चलो हम तुम तुम हम बन जायें। तो अब आया है चलो हम तुम तुम हम बन जायें।