ख्वाहिशों का दरिया, संतोष का तट हूँ मैं मन से दूर दिल के निकट हूँ मैं वक्त की बंदिशों का शोर नहीं सुनता कहते है पहेली बड़ी विकट हूँ मैं
तुम सुर्ख रंगी चांद हो और चंद्रिका साकार हो तुम सुर्ख रंगी चांद हो और चंद्रिका साकार हो
कशमकश में जिंदगी है,घुट रहा अहसास है। कशमकश में जिंदगी है,घुट रहा अहसास है।
क्यूँ इतनी लाचारी है, हर जीवन मजबूर यहाँ नंगें पांवों दौड़ रहे है, विवश हो मजदूर यहाँ क्यूँ इतनी लाचारी है, हर जीवन मजबूर यहाँ नंगें पांवों दौड़ रहे है, विवश हो मजद...
मनवा पंछी उड़ता होगा, सपनों के आकाश में मनवा पंछी उड़ता होगा, सपनों के आकाश में
चेतना भी है, जड़ का मूल पुष्प बन बैठे, उर के शूल चेतना भी है, जड़ का मूल पुष्प बन बैठे, उर के शूल
भाव के अभाव का है सम्मान जानकी। भाव के अभाव का है सम्मान जानकी।
घुट-घुट जीने से अच्छा, सांसो का बस थम जाना घुट-घुट जीने से अच्छा, सांसो का बस थम जाना
जो गुजरा बस सुखमय होकर, ऐसा मेरा कल है मां। जो गुजरा बस सुखमय होकर, ऐसा मेरा कल है मां।