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आज लिख ही डालूँ तुझे खत पता है जिसका 'मायका' आज लिख ही डालूँ तुझे खत पता है जिसका 'मायका'
चुल्हे पे सेंको आज रोटी माँ के हाथों का स्वाद पाओगे, चुल्हे पे सेंको आज रोटी माँ के हाथों का स्वाद पाओगे,
'तुम्हारी उपस्थिति ही घर में, ला देती है खुशहाली, तुम हो तो घर है बगीचा नहीं तो वीराना लगता है।' पत... 'तुम्हारी उपस्थिति ही घर में, ला देती है खुशहाली, तुम हो तो घर है बगीचा नहीं तो...
रिश्ता लिखूँ ? तो संकीर्ण हो जायेगा। रिश्ते लिखूँ ? तो जिंदगी उलझ जायेगी। रिश्ता लिखूँ ? तो संकीर्ण हो जायेगा। रिश्ते लिखूँ ? तो जिंदगी उलझ जायेगी।
यह कविता महिला के आत्मसन्मान और अधिकारो पर आधारित है। यह कविता महिला के आत्मसन्मान और अधिकारो पर आधारित है।
'इन्सान जिंदगीभर बस भागता ही रहता है, पर उसकी जरुरत कभी कम नहीं होती, जीवन में संतोष भी जरुरी होता ह... 'इन्सान जिंदगीभर बस भागता ही रहता है, पर उसकी जरुरत कभी कम नहीं होती, जीवन में स...