कवि कहानीकार और लघुकथाकार । तीन पुस्तकें प्रकाशित । दो पुस्तकें प्रैस में कई साझा संकलन भी और कुछ रचनाएँ बच्चों के लिए भी । आजकल बच्चों के लिए लिख रही हूँ । लघुकथाओं पर भी काम चल रहा है । कुछ लघुकथाओं का हिंदी से पंजाबी में अनुवाद भी किया है ।
Share with friendsमैं यादों के किसी भी पत्र विहीन जंगल में नहीं घूम सकती।
Submitted on 27 Sep, 2019 at 01:21 AM
चाँद फिर आता है अपने प्रेम का इज़हार लिए घुटने के बल बैठ चाँदनी का आँचल ओढ़ा कर
Submitted on 08 Jun, 2019 at 13:55 PM
नदी कहीं खो गई नदी कहीं है ही नहीं अब हर ओर सागर ही सागर है निरा खारा खारा सागर।
Submitted on 02 May, 2019 at 17:53 PM
मैं आशा की इन्हीं घुमावदार सीढ़ियों के सहारे तुम तक, तुम तक मेरी आकांक्षाओं...मैं अवश्य पहुँचुगी
Submitted on 02 May, 2019 at 17:47 PM
प्लास्टिक के दीये की भाँति, अब अक्सर फ्यूज हो जाता है दिल...
Submitted on 02 May, 2019 at 17:42 PM
तय करना चाहिए, क्या नहीं... मेरा होना नहीं होना भी तुमने तय कीं मेरे अंदर बाहर की जिंदगी मेरे तौर तरीके बातचीत
Submitted on 13 Apr, 2019 at 19:03 PM