बस यूँ ही कहानी लिखने का शौक है। मित्रों को पसन्द आती हैं ।
अंजली के मन में भावनाओं का ज्वार उठा और आंखों से बह निकला अंजली के मन में भावनाओं का ज्वार उठा और आंखों से बह निकला
इसी दौरान किसी ने अपना अंश दान देने की घोषणा कर दी इसी दौरान किसी ने अपना अंश दान देने की घोषणा कर दी
मैं चाहता था कि वो किसी सरकारी नौकरी में लग जाये मैं चाहता था कि वो किसी सरकारी नौकरी में लग जाये
जो वहां से जॉब छोड़ चुके थे। परन्तु सम्बन्ध कायम थे। जो वहां से जॉब छोड़ चुके थे। परन्तु सम्बन्ध कायम थे।
वह गरीब है। उसका पति हरिया दिहाड़ी मजदूर है। वह गरीब है। उसका पति हरिया दिहाड़ी मजदूर है।
"समधीजी, मेरी बेटी को सुख न दे सको तो थोड़ा जहर दे देना। वो दुख नहीं सह पाएगी।" "समधीजी, मेरी बेटी को सुख न दे सको तो थोड़ा जहर दे देना। वो दुख नहीं सह पाएगी।"