त्योहार की मादकता
त्योहार की मादकता
शारदीय नवरात्र और दशहरा महोत्सव के हर्षोल्लास का आज पांचवां दिन है।बच्चे,बूढ़े,युवा,स्त्री,पुरुष एवं हर वर्ग के सनातनी धर्मावलंबियों में आनंद और उत्साह शनै:शनै: चरम की ओर अग्रसर है।हर और वातावरण में महोत्सव की मादकता छायी है।जिसे देखो त्योहार की तैयारियों में व्यस्त। त्योहार की बातों के अलावा किसी की भी ज़बान पर और कोई बातें नहीं। त्योहार को बेहतर से बेहतर ढंग से मनाने की सबकी सोच।जलसे में एक दूसरे से अच्छा दिखने की होड़ में सभी शामिल। प्रतिस्पर्धा जैसा माहौल हर घर,हर गली,हर मुहल्ले, यहां तक कि जन साधारण तक के मनोमस्तिष्क पर हावी।
इन दिनों मौसम भी कुछ सुहाना-सुहाना सा है कदाचित् मां जगदम्बा भी यही चाहती हैं कि इस उत्सव के प्रति भक्तों के भक्ति-भाव एवं उनकी कुटुम्बीय आनंद और उमंग में कोई विघ्न-बाधा ना पड़े। इसलिए मां जन-जन को इस उत्सव में सहर्ष शामिल होने के लिए मौसम को खुशगवार बना कर खुद आगवानी कर रही हैं।
शहर,गांव के हाट-बाजारों में रौनक दिन -ब-दिन बढ़ती जा रही है। दुकानदारों और ग्राहकों में अजीब सा जोश-खरोश है।हर जगह भागमभाग है। कोई कपड़े की तो कोई जूते-चप्पलों की कोई श्रृंगार प्रसाधनों की तो कोई खिलौना की दुकानों में खरीदारी करने में व्यस्त हैं। कईयों को तो ये समझ नहीं आ रहा है कि क्या खरीदें और क्या नहीं इस उधेड़बुन में इस दुकान से उस दुकान और उस दुकान से किसी और दूसरी दुकान को भाग रहे हैं।
ये तो हो गयी शहर और कस्बों की बातें।दूर देहांत और गांवों में भी त्योहार की उमंग और उत्साह कम नहीं। किसानों में भी उत्सव के प्रति उत्साह देखते बनती है। वहां भी महीनों पहले तैयारियां शुरू हैं। मां के मंदिरों की रंगाई-पुताई से लेकर ग्रामिणों के घर-परिवारों में अन्यान्य तैयारियों में लोग जी-जान से लगे हैं। मंदिर और आस-पास साफ-सफाई एवं साज-सज्जा का काम जोरों पर है।गली मुहल्ले चौक चौराहों और चौपालों को सहित मेला स्थलों पर मेले की तैयारियां जमकर हो रही हैं। किसान बन्धु भी कभी अपने लहलहाते फसलों की रखवाली कर रहे हैं तो कभी त्योहार की तैयारियां।