सुबह
सुबह
1 min
608
वो सारा दिन
कड़ी मेहनत और मशक्कत से
नफरतों की चादर बुनते हैं,
फिर थक हार कर
वही चादर ओढ़ कर सो जाते हैं
रात - भर,
सुनहरे ख्वाब बुनने के लिए,
सुबह होने तक।