रजनीगंधा
रजनीगंधा
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प्यार का फूल
आँखो के सहारे
दिल मे उतरता है
शनैः शनैः खिलता है
धीरे धीरे पनपता है
रजनीगंधा फूल
की तरह महकता है
कभी सुबह की
खिलती धूप मे
होले होले खिलता है
कभी चाँदनी रातो मे
खुशबू बिखेरता है
प्यार का एहसास
जब दो दिलो मे
आपस मे होता है
रजनीगंधा के फूलो
की खुसबू से कहीं
ज्यादा महकता है
प्यार का रंग जब
एक दूसरे पर चढ़ता है
दिल का चैन रातों की
नीद उड़ जाती है
बस चारो तरफ प्यार
की खुसबू महकती है
चारो तरफ से प्यार
की खिड़की खुलती है
प्यार का एहसास
जीवन को आनंदित
कर देता है
दिल की उमंगो
को बढ़ा देता है।
बस प्यार ही
नज़र आता है ।