ये लंगोटधारी
ये लंगोटधारी
ये लंगोटधारी
नग्न नैतिकताओं से बंधे
भूखे-प्यासे, निर्वासित, उपेक्षित
अथवा वंचित इत्यादि लोग नहीं हैं
ये अंगूठी में जड़े हीरे की मानिंद
धोखेबाज़, दगाबाज़ और चालबाज़
महाअसत्य का सत्य हैं
इनसे बचो तो चेतना की युक्ति मिले
इनसे बचो तो लोकतंत्र की शक्ति मिले
इनसे बचो तो परतंत्र से मुक्ति मिले
प्रेम, स्वप्न और संघर्ष के रास्ते रोक कर
जो फैला रहे हैं सुशासन देने की अफ़वाहें
और शोर मचाने में भी हो रहे हैं बख़ूबी शामिल
सिर्फ़ आज ही नहीं, कल के भी हैं दुश्मन
ये लंगोटधारी.