STORYMIRROR

आख़िर वह क़त्ल क्या ?

आख़िर वह क़त्ल क्या ?

1 min
14.4K


वह जानता था मुझे

मैं ही था कि ज़रा भी नहीं जानता था उसे

उसने मुझे अपनी बंद कलाई घड़ी दिखाई

और बढ़ा कर अपना हाथ पूछा मुझसे

कि आखिर किसी भी तलाशी का

कि आख़िर किसी भी जासूसी का

कि आख़िर किसी भी शत्रुता का

जो न हो ख़ौफ़नाक और तकलीफ़देह मंज़र

आख़िर वह क़त्ल क्या ?


Rate this content
Log in