तुम कहां हो मां
तुम कहां हो मां
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तुम कहां हो मां?
मेरी नजरे हर पल
तुम्हें तलाशती हैं मां ।
तुम्हारे गुजर जाने के बाद
उस गली से गुजरने पर
नहीं उन हवाओं में महक तेरी
सब कुछ सूना सूना शांत सा
ओ मां प्यारी मां!
दरवाजे पर लगा वो ताला
आंखे नम करता है मां
तुमसे मिलने , मैं जब थी आती
दूर से ही हवा का वो झोंका
और हवाओं में तेरी खुशबू
तेरे होने का एहसास देते थे
कि , मां का घर आ गया
अब सब इक सपना सा है।
मां , बस एक बार अपना
एहसास तुम दिला दो
कहां हो तुम ये बतला दो
तुमने जन्म कहां लिया
बस तुम बता दो
तुमसे मिलना मैं चाहूं
मैं भागी दौड़ी आऊं
कहां हो तुम मां
मेरी मां प्यारी मां।।