तुम
तुम
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तुम्हारा दामन थामे
जब यूं ही चल
दिये थे।
मंजिल का तो
इल्म न था,
पर पथ में
लाखों दिये
जले थे।
अंदेशा न था कि
तुम खुदा
बन जाओगे।
दिल में रास्ता
बना के सीधा
रूह को
छू जाओगे।