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Sanjana Kamat

Others

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विठू माऊली (अभंग)

विठू माऊली (अभंग)

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विठू माऊली तू। चंद्रभागे तीरी।।

भक्तांची चाकरी। नित्य करी।।१।।


तूच एक आप्त। प्रेमवाटे गुप्त।।

राहे लीन लुप्त। होऊनीया।।२।।


भेटीचा उमंग। भक्ताचा तरंग।। 

वारकरी दंग। अंतरंगी।।३।।


तुझी ठेव माया। अवनीची काया।।

ठेवशील छाया। सर्वांवरी।।४।।


पावसा थांबवी। परत माघारी।। 

फुलवी भाकरी। प्रसन्नेची।।५।।


बाजार सजला। तो हव्यासापाई।। 

शेत लाटे माई। कोर्टीकेस।।६।।


भष्ष्ट्राचाऱाची ती। चादर अफाट।।

गुंडगिरी वाट। ती सुखात।।७।।


देवळा नेई ताट। प्रसाद तो त्यास।।

कशी ठेवू आस। पांडुरंगा।।८।।


संतोषवी मन। शेवटी मागणे।। 

सुखाची तोरणे। दारोदारी।।९।।


राहू दे मायेत। तुझ्याच छायेत।।

आशीर्वाद हात। शिरिवरी।।१०।।


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