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savita Dhakne

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महाराष्ट्राची संस्क्रुती

महाराष्ट्राची संस्क्रुती

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महाराष्ट्र माझा। वर्णूया महती।।

जाहली निर्मीती। आनंदाने।।1।।


राज्याची ही शान। सह्याद्रीचे कडे।।

गगनाला भिडे।शिखर हे।।2।।


पवित्र भुमी ही।।महान संतांची।।

विठू माऊलींची।पंढरी ही।।3।।


मायमराठी ही।भाषा सकलांची ।।

नांदी विचारांची। वाणीतूनी।।4।।


पवित्र सरीता।भीमा,गोदावरी।।

वाहे निरंतरी। जीवनात।।5।।


आपुले दैवत। शिव छत्रपती।।

पसरली किर्ती। जगतात।।6।।


वेरुळ अजिंठा। लाभला वारसा।।

इतिहासी ठसा। शिल्पकला।।7।।


पेहराव असा। साडी नऊवारी।

फेटा डोईवरी। शोभतसे।।8।।


पुरणपोळी ही। दिवाळी सणाला।।

बैल पोळ्याला। चवदार।।9।।


महाराष्ट्र माझा।जगती महान।।

गाऊ गुणगान।। संस्कृतीेचे।।10।।


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