उसने कहा, ''कुछ नहीं'' और अपना हाथ पीछे ले लिया। उसने कहा, ''कुछ नहीं'' और अपना हाथ पीछे ले लिया।
जो शब्दों की मार है न ऐसे ज़ख्म दे जाते है जो मरते दम तक साथ रहते है जो शब्दों की मार है न ऐसे ज़ख्म दे जाते है जो मरते दम तक साथ रहते है
उसने अउपना अखबार खोला और पढ़ने लगी और साथ ही साथ गाने सुनने लगी ! उसने अउपना अखबार खोला और पढ़ने लगी और साथ ही साथ गाने सुनने लगी !
कभी किसी को मुक़म्मल जहाँ नहीं मिलता, कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता" कभी किसी को मुक़म्मल जहाँ नहीं मिलता, कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता"
सुनो मन वैरागी हो गया है अब , तुम्हे पाया नही तो खोया भी नही है ! जा रहा हू हमेशा के लिए इस एहसास क... सुनो मन वैरागी हो गया है अब , तुम्हे पाया नही तो खोया भी नही है ! जा रहा हू हमे...
अपने ज़ेहन में बिखरें सपने मेरे ख़्वाबों से जैसे अंदर-ही-अंदर टूट से चुकें हैं अपने ज़ेहन में बिखरें सपने मेरे ख़्वाबों से जैसे अंदर-ही-अंदर टूट से चुकें हैं