बाहर के शोरगुल में हम सब के दिल के दर्द भरी आवाज दब सी गयी। बाहर के शोरगुल में हम सब के दिल के दर्द भरी आवाज दब सी गयी।
हमें हमारी आत्मा तब बहुत कचोटती है जब हम गलत हाथों में चली जाती हैं। हमें हमारी आत्मा तब बहुत कचोटती है जब हम गलत हाथों में चली जाती हैं।
स्याही के उस काले रंग को अपनी मेहनत से बदल दिया और आज स्याही का असली रंग उभर आया। स्याही के उस काले रंग को अपनी मेहनत से बदल दिया और आज स्याही का असली रंग उभर आया...
लेखक: निकोलाय नोसोव अनु. : आ. चारुमति रामदास लेखक: निकोलाय नोसोव अनु. : आ. चारुमति रामदास
दरवाजे की ओट में खड़ी छुटकी दादी की गालों पर प्यार कर दादा जी के कमरे में भागी, दरवाजे की ओट में खड़ी छुटकी दादी की गालों पर प्यार कर दादा जी के कमरे में भागी,
अब रात तक मम्मी को अँगूठे की स्याही हटानी नहीं पड़ेगी। अब रात तक मम्मी को अँगूठे की स्याही हटानी नहीं पड़ेगी।