आत्मभाव का सद हावभाव ही प्रीत का इजहार है, जो केशव की मुरली, राधा की तड़प और युमना के हि आत्मभाव का सद हावभाव ही प्रीत का इजहार है, जो केशव की मुरली, राधा की तड़प और युमन...
ये सभी बातें हमें समाज में रहने के काबिल बनाती है। ये सभी बातें हमें समाज में रहने के काबिल बनाती है।
कुछ दूर चलने के बाद किसी विद्यालय के बच्चों का एक समूह दिखाई दिया कुछ दूर चलने के बाद किसी विद्यालय के बच्चों का एक समूह दिखाई दिया
पेड़ों की झुकी डालियाँ उलटे लटके भूत-प्रेत की याद ताजा करवा रही थी पेड़ों की झुकी डालियाँ उलटे लटके भूत-प्रेत की याद ताजा करवा रही थी