मुझे बंटी का सुनहरा भविष्य अब यहीं से नजर आने लगा। मुझे बंटी का सुनहरा भविष्य अब यहीं से नजर आने लगा।
नई कोपलें फूटने की लालसा मुझ में प्रेम का संचार कर रही थी।विपुल के प्रेम का संचार। नई कोपलें फूटने की लालसा मुझ में प्रेम का संचार कर रही थी।विपुल के प्रेम का संचा...
चार क्रांति के बाद से तो दोनों रात दिन एक दूसरे से बात करते रहते, चार क्रांति के बाद से तो दोनों रात दिन एक दूसरे से बात करते रहते,
मुझे कोई भूमिका नहीं चाहिये कान्हा, मैं तो तुम्हारी छाया बन कर रहूंगी मुझे कोई भूमिका नहीं चाहिये कान्हा, मैं तो तुम्हारी छाया बन कर रहूंगी
उसे उसके केबिन में धरती के समय अनुसार दो दिन रहना पड़ा। उसे उसके केबिन में धरती के समय अनुसार दो दिन रहना पड़ा।