तिजोरी की चाभी मुझे दे दो, में सबके चार हिस्से बना लूंगी तिजोरी की चाभी मुझे दे दो, में सबके चार हिस्से बना लूंगी
लेकिन बीच बीच में दस बार उसकी नजरें मुझे ढूंढा करती थी लेकिन बीच बीच में दस बार उसकी नजरें मुझे ढूंढा करती थी
मैं जानती थी, मां अंदर से बहुत खुश थी, अब उनमें बहुत कम झगड़े होते थे। मैं जानती थी, मां अंदर से बहुत खुश थी, अब उनमें बहुत कम झगड़े होते थे।