सिर्फ मनुष्य के जागृत विवेक के अवलंबन से ही, संभव हो सकता था। सिर्फ मनुष्य के जागृत विवेक के अवलंबन से ही, संभव हो सकता था।
मिनी छुप छुपा कर किसी दिन कॉलेज जाती तो किसी दिन नहीं जा पाती। मिनी छुप छुपा कर किसी दिन कॉलेज जाती तो किसी दिन नहीं जा पाती।
और यही डर का प्रतिफल है कि मैंं आज इंजिनियर हूं। और यही डर का प्रतिफल है कि मैंं आज इंजिनियर हूं।
विश्वास योग्य व्यक्ति ही नहीं हो। तुम उनके योग्य नहीं, एक अत्यंत घटिया पति हो। विश्वास योग्य व्यक्ति ही नहीं हो। तुम उनके योग्य नहीं, एक अत्यंत घटिया पति हो।
वह लड़की बचपन से सीधी-सादी मेधावी नीति नियमों को मानने वाली वह लड़की बचपन से सीधी-सादी मेधावी नीति नियमों को मानने वाली
कभी-कभी व्यक्ति बिना मार्गदर्शन के भी अपने कार्य को बेहतर नहीं बना पाता है। कभी-कभी व्यक्ति बिना मार्गदर्शन के भी अपने कार्य को बेहतर नहीं बना पाता है।