एक टूटा सा ख्वाब हो उसे शायरी कहते हैं। एक टूटा सा ख्वाब हो उसे शायरी कहते हैं।
दादाजी तो चल बसे लेकिन को कहकर गए थे कि उस शशि बेटे को जरूर बुलाना। दादाजी तो चल बसे लेकिन को कहकर गए थे कि उस शशि बेटे को जरूर बुलाना।
उसने कोई जवाब नहीं दिया लेकिन उसके बाद अपने घर कभी दोस्तों की महफ़िल नहीं बैठाई। उसने कोई जवाब नहीं दिया लेकिन उसके बाद अपने घर कभी दोस्तों की महफ़िल नहीं बैठाई।
दुनिया की महफिल में छा जाने को, भरनी होगी सपनों की उड़ान।। दुनिया की महफिल में छा जाने को, भरनी होगी सपनों की उड़ान।।
चाय पर ही बनते हैं रिश्ते और याद आते हैं पुराने किस्से! चाय पर ही बनते हैं रिश्ते और याद आते हैं पुराने किस्से!
कभी इसी कला के पोषक राजे-रजवाड़े लोगों के मध्य हमें हेय दृष्टि से देखा जाता था। पर आज बदलते समय में ... कभी इसी कला के पोषक राजे-रजवाड़े लोगों के मध्य हमें हेय दृष्टि से देखा जाता था। ...