कभी-कभी गलतियाँ हो जातीं है हमसे अनजाने कभी-कभी गलतियाँ हो जातीं है हमसे अनजाने
आंटी मैं कह रहा था कि, आप इसको काढ़ा बना कर दे देतीं ना। आंटी मैं कह रहा था कि, आप इसको काढ़ा बना कर दे देतीं ना।
उसकी हर याद में, हर धड़कन में बचपन से ही बस परिधि ही समाई थी। उसकी हर याद में, हर धड़कन में बचपन से ही बस परिधि ही समाई थी।
और आज वह अपना बुटीक खोलने जा रही है। प्रतीक ने भी हर कदम पर परिधि का साथ दिया है। और आज वह अपना बुटीक खोलने जा रही है। प्रतीक ने भी हर कदम पर परिधि का साथ दिया है...
तुम भी ना प्रतीक। मैंने तुमसे पूछा था कि, मुझे तुम्हारी एक मदद चाहिए तुम भी ना प्रतीक। मैंने तुमसे पूछा था कि, मुझे तुम्हारी एक मदद चाहिए
परिधि उसकी आंँखों में हल्की-सी नमी देख लेती है। परिधि उसकी आंँखों में हल्की-सी नमी देख लेती है।