कहानी तब जहाँ रुकी थी, अब उससे आगे रफ्तार के साथ बढ़ी कहानी तब जहाँ रुकी थी, अब उससे आगे रफ्तार के साथ बढ़ी
आप एसडीएम हैं,जानमाल की क्षति न हो , इसका अधिक ख्याल रखना है आपको । ” आप एसडीएम हैं,जानमाल की क्षति न हो , इसका अधिक ख्याल रखना है आपको । ”
जैसे शरीर को घसीट कर किसी ऐसी बस्ती में ले जाना, जहां मन साथ न जा रहा हो ! जैसे शरीर को घसीट कर किसी ऐसी बस्ती में ले जाना, जहां मन साथ न जा रहा हो !
रहम करो इन पर रहम करो इन पर
मैं न केवल समय से जयपुर पहुंच गया, बल्कि दोपहर को होने वाली परीक्षा भी दे पाया। मैं न केवल समय से जयपुर पहुंच गया, बल्कि दोपहर को होने वाली परीक्षा भी दे पाया।
शर्म नही आती भीख मांगते हो" भोली ने मुँह बनाकर पूछा। शर्म नही आती भीख मांगते हो" भोली ने मुँह बनाकर पूछा।