मद्धिम से मद्धिम होती जा रही थी और शिक्षिका का अंतर्मन उसे झकझोरता जा रहा था। मद्धिम से मद्धिम होती जा रही थी और शिक्षिका का अंतर्मन उसे झकझोरता जा रहा था।
देखो जहाँ मनुष्य के पांव के निशान खत्म हुये थे वहीं दुनिया की सारी बस्तियां समाप्त देखो जहाँ मनुष्य के पांव के निशान खत्म हुये थे वहीं दुनिया की सारी बस्तियां समाप...