और फिर वो हल्की मुस्कान लिए रद्दी वाला, रद्दी वाला...की आवाज़ लगता दूर कहीं गलियों में गुम हो जाता है... और फिर वो हल्की मुस्कान लिए रद्दी वाला, रद्दी वाला...की आवाज़ लगता दूर कहीं गलियो...
अरे,, तुम तो बहुत गुस्से में थीं, ये कैसा गुस्सा है कि खिलखिला रही हो.. अरे,, तुम तो बहुत गुस्से में थीं, ये कैसा गुस्सा है कि खिलखिला रही हो..
यही चाय चाय की रट लगा रही थी, कॉफी ही बेस्ट है यही चाय चाय की रट लगा रही थी, कॉफी ही बेस्ट है