हर तरफ आँखें नम थी। स्वयं ज़ज़ साहिबा की भी। अब वो आश्वस्त था। जज साहिबा का निर्णय क्या होगा, ये उसे ... हर तरफ आँखें नम थी। स्वयं ज़ज़ साहिबा की भी। अब वो आश्वस्त था। जज साहिबा का निर्ण...
नित्या, तुम्हें तो पता ही है कि मैं जिंदगी में बहुत आगे बढ़ना चाहता था। शालिनी हमारी कम् नित्या, तुम्हें तो पता ही है कि मैं जिंदगी में बहुत आगे बढ़ना चाहता था। शालिनी हम...
पर दोनो नदी के दो पाट बस यही एक समय था अलग होने का पर दोनो नदी के दो पाट बस यही एक समय था अलग होने का
इन दोनों कठोर इरादों के बीच का तरल अंतर और तरल होकर सुमन लता की बूढ़ी आंखों से बहता रहा इन दोनों कठोर इरादों के बीच का तरल अंतर और तरल होकर सुमन लता की बूढ़ी आंखों से ब...
अब शालिनी की उम्र भी हो चली थी और उसका विवाह भी करवाना था अब शालिनी की उम्र भी हो चली थी और उसका विवाह भी करवाना था
मैंने उनके चेहरे से वह ओज भरी मुस्कान कभी ग़ायब नहीं देखी। मैंने उनके चेहरे से वह ओज भरी मुस्कान कभी ग़ायब नहीं देखी।