आज मैं तुमसे और तुम्हारी माँ से और दुनिया की सारी बेटीयों से माफ़ी माँगती हूँ आज मैं तुमसे और तुम्हारी माँ से और दुनिया की सारी बेटीयों से माफ़ी माँगती हूँ
कभी दुःख किस का तुम सहके देखो, कभी किसी से दुख तुम कहके देखो। कभी दुःख किस का तुम सहके देखो, कभी किसी से दुख तुम कहके देखो।
इन दोनों कठोर इरादों के बीच का तरल अंतर और तरल होकर सुमन लता की बूढ़ी आंखों से बहता रहा इन दोनों कठोर इरादों के बीच का तरल अंतर और तरल होकर सुमन लता की बूढ़ी आंखों से ब...
सुहागरात की रात को ही अमित को कुछ कुछ समझ में आने लगा था। सुहागरात की रात को ही अमित को कुछ कुछ समझ में आने लगा था।