निशा बिना विकास के कुछ कहे ही दनदनाती हुई गाड़ी की पिछली सीट पर जाकर बैठ गई निशा बिना विकास के कुछ कहे ही दनदनाती हुई गाड़ी की पिछली सीट पर जाकर बैठ गई
मन चीख-चीख के कह रहा था " किसी को भी चाहने की तुझे इजाज़त नहीं..इजाज़त नहीं..। मन चीख-चीख के कह रहा था " किसी को भी चाहने की तुझे इजाज़त नहीं..इजाज़त नहीं..।
हमेशा इसी समझदारी से अपने अधिकारों के लिये जागरूक रहना... तुम सावित्री मत होना। हमेशा इसी समझदारी से अपने अधिकारों के लिये जागरूक रहना... तुम सावित्री मत होना।
कभी आशीर्वाद बन सबका उजड़ा चमन महकाया है। कभी आशीर्वाद बन सबका उजड़ा चमन महकाया है।
कभी-कभी जीवन में जाने-अनजाने कुछ रहस्यमयी घटनाएं हो जाती हैं, जो यादगार मिसाल कायम करती हैं। कभी-कभी जीवन में जाने-अनजाने कुछ रहस्यमयी घटनाएं हो जाती हैं, जो यादगार मिसाल का...
परियां कहानी नहीं इसकी दलील भी उन्हें पाकर मिल गयी। परियां कहानी नहीं इसकी दलील भी उन्हें पाकर मिल गयी।