और वंश के माता पिता वहीं सर झुकाकर बैठ गए। शायद अब बहुत देर हो चुकी थी। और वंश के माता पिता वहीं सर झुकाकर बैठ गए। शायद अब बहुत देर हो चुकी थी।
उसे कभी किसी के ताने सुनने नहीं देगी। बहुत मजबूत बनाएगी। उसे कभी किसी के ताने सुनने नहीं देगी। बहुत मजबूत बनाएगी।
मेरे भीतर जो एक दीवार थी आज शायद वो चकनाचूर हो गयी थी, और मैंने सिया को गले से लगा लिया। मेरे भीतर जो एक दीवार थी आज शायद वो चकनाचूर हो गयी थी, और मैंने सिया को गले से ल...
कुछ दूर दोनों चले ही थे की तभी एक सनसनाती हुई गोली आयी और राघव के सीने में लग गई कुछ दूर दोनों चले ही थे की तभी एक सनसनाती हुई गोली आयी और राघव के सीने में लग गई