हम इस प्रसंग पर 25वें और 26वें अध्याय में लौटेंगे। हम इस प्रसंग पर 25वें और 26वें अध्याय में लौटेंगे।
आज अपने-आप को बौना समझ, नतमस्तक हो गया। आज अपने-आप को बौना समझ, नतमस्तक हो गया।
दिलशाद कोई किताब पढ़ने लगी। रात धीरे धीरे गहरी होने लगी। ठंड बढ़ने लगी। दोनों एक दूसरे के आलिंगन में... दिलशाद कोई किताब पढ़ने लगी। रात धीरे धीरे गहरी होने लगी। ठंड बढ़ने लगी। दोनों एक...
एक गरम चुंबन और एक उन्माद से भरा आलिंगन, दोनों ने एक दूसरे को दिया और अलग हो गए। दिलशाद घर लौट गई। एक गरम चुंबन और एक उन्माद से भरा आलिंगन, दोनों ने एक दूसरे को दिया और अलग हो गए।...
एक दिन वह उससे फोन पर क्षमा याचना कर रही थी, मेरा प्रतिशोध पूरा हो चुका था । एक दिन वह उससे फोन पर क्षमा याचना कर रही थी, मेरा प्रतिशोध पूरा हो चुका था ।
संसार में ऐसी भी कोई स्त्री है, जिसका पति उसका श्रृंगार देखकर सिर से पांव तक जल उठे। संसार में ऐसी भी कोई स्त्री है, जिसका पति उसका श्रृंगार देखकर सिर से पांव तक जल ...