STORYMIRROR

दरबान बन्धनों का अपना ही एक मोह है। इनमें अनगिनत कष्ट है। लेकिन इन कष्टों में ही हमारा सुख है। वह अपने दिल का जायजा ले रही थी। एक क्षण मे ही उसे अपनी गलती का अहसास हो गया।उसकी पलकों की पंखुड़ियों के बीच अश्रु अनिच्छा से चमक उठे। पुलिस पल्लू बरसात मिलने भोजन पुरुष बेटी परिवार अश्रु धारा मान बर्तन प्यार अस्पताल वचन नेत्रहीन मुठभेड़ संतान चरित्र

Hindi अश्रु Stories