"बड़ी अभागी थी बेचारी, जब से इस घर में आयी बस एक शराबी पति और लकवा की मारी सास! "बड़ी अभागी थी बेचारी, जब से इस घर में आयी बस एक शराबी पति और लकवा की मारी सास!
एक दिन मानसी अचला मेम को अपनी कल्पना के अनुरूप वेशभूषा में सजे -संवरे देख सुखद आश्चर्य से भर उठी. हा... एक दिन मानसी अचला मेम को अपनी कल्पना के अनुरूप वेशभूषा में सजे -संवरे देख सुखद आ...
आफ़ताब अपने को सँभालते हुए एक नई पहचान की ओर बढ़ चला...! आफ़ताब अपने को सँभालते हुए एक नई पहचान की ओर बढ़ चला...!
पार्क में भी आते तब भी उदासी उनके चेहरे से झलक रही होती थी पार्क में भी आते तब भी उदासी उनके चेहरे से झलक रही होती थी
मोना के दिल में भरे दर्द ने पलकों के बांध को तोड़कर आँंखो से बाहर छलक पड़े। मोना के दिल में भरे दर्द ने पलकों के बांध को तोड़कर आँंखो से बाहर छलक पड़े।