Nutan Garg

Others

5.0  

Nutan Garg

Others

विश्वास

विश्वास

2 mins
297


बात बहुत पुरानी है जब रीता कक्षा सात में पढ़ती थी। वे पाँच बहने थीं। तो आप सब समझ सकते हैं कि जहाँ पर इतनी बड़ी मंडली रही होगी वहाँ पर ख़ुराफ़ात होना स्वाभाविक है।


उसकी सबसे बड़ी दीदी एक दिन  शिवलिंग लाती हैं और उन्हें एक गमले में आँगन के एक कोने में रख देती हैं। पहले बहुत बड़े घर हुआ करते थे, अब तो सिर्फ़ कहानियों तक ही सीमित रह गए हैं। उसके पापा ने आँगन के एक हिस्से पर टीनशेड डाला हुआ था क्योंकि आँगन बहुत खुला व बड़ा था। थोड़े दिनों बाद वह गमला वहाँ पर रख दिया गया। उस पर सभी बहनें सुबह नहा-धोकर जल चढ़ाया करतीं फिर कहीं स्कूल जातीं। 


एक दिन सुबह के पाँच बज रहे होंगे उसे सपना आता है, “जैसे कोई उससे कह रहा था कि यह शिवलिंग जल्दी से यहाँ से हटा दे क्योंकि टीन गिरने वाला है।”


उसने मम्मी को बताया तो वे बोलीं, “ऐसा कुछ नहीं होगा! यह सब मन का वहम है।”


तभी एकदम से ज़ोर की आवाज़ आती है और टीन धाड़-धाड़ करके गिर पड़ता है! वह जो़र-जो़र से रोने लगती है और कहती जाती है, “मम्मी! देखो न! मैं कह रही थी, आपने मेरा कहा नहीं माना! मेरे भगवान जी भी दब गए।”


मम्मी पास जाकर देखती हैं तो टीन ज़रूर गिरा था पर गमले पर कोई आॅंच तक नहीं आई थी। फिर उसने मम्मी को सपने में बात कर रहे इंसान के बारे में बताया और शिवलिंग भी बताई जगह पर रख दिया। आज़ भी वह उसके पीहर में वैसे ही विराजमान हैं जैसे पहले थे।


एक और वाक़या उसके साथ हुआ। बचपन के इस हादसे के बाद तो उसका विश्वास शिव पूजा में और बढ़ गया था।


उसे पता नहीं था कि ग्रहण चल रहा है। उसने जैसे ही जल चढ़ाने के लिए हाथ बढ़ाया वैसे ही बहुत जोर से उसके हाथ को झटका लगता है मानो करंट लगा हो! उसने तुरंत अपना हाथ पीछे कर लिया और स्तब्ध सी बैठ गई। बाद में पता लगा कि ग्रहण के दौरान जल नहीं चढ़ाया जाता है।


वह तो मान गई कि कोई अदृश्य शक्ति होती है जो हमें अपनी ओर खींचती है। तब से लेकर आज तक वह नियमानुसार शिव परिवार की पूज़ा करती है और उसके सब काम उनकी कृपा से पूरे भी हो जाते हैं।


जब कभी भी उसका मन परेशान होता है वह भगवान की शरण में चली जाती है और उसका मार्ग स्वत: ही बन जाता है। मानो या ना मानो पर ऐसा भी हो सकता है!


Rate this content
Log in