उदिता की बुद्धिमत्ता
उदिता की बुद्धिमत्ता
चिड़ियाघर में एक बनमानुष ने उत्पात मचाया था। उसको पकड़ने में वन विभाग के तमाम कर्मचारी असफल हो चुके थे। आखिरी में वन विभाग की ही एक महिला कर्मचारी उदिता को उसे पकड़ने का जिम्मा दिया गया। उदिता ने सर्वप्रथम पिंजरा हटवाया और बनमानुष के लिए दो दर्जन केले मंगवाये। उसने बनमानुष को केले खिलाये। केले खिलाते समय वह उसके माथे पर हाथ फेरती जाती, जिसका परिणाम यह हुआ कि बनमानुष शांत हो गया।
जब अधिकारियों ने उदिता से पूछा कि आपने इतनी जल्दी कैसे उत्पाती बनमानुष को शांत करवा दिया, तब उदिता ने कहा- "इंसानों की तरह जानवर भी प्रेम के भूखे होते हैं। मैंने केले खिलाकर बनमानुष की भूख शांत की और माथे पर हाथ फेरकर उसे एहसास दिलाया कि वह उस स्थान पर सुरक्षित है।"
सभी अधिकारियों ने उदिता की बुद्धिमत्ता की सराहना की।