तुम संग इश्क और टपरी वाली चाय
तुम संग इश्क और टपरी वाली चाय
"क्या है शुभी क्यों इतनी सुबह-सुबह जगा दिया" झल्लाते हुए मनु बोला।
"कितने अन रोमांटिक है आप" झूठा गुस्सा दिखाती शुभी बोली।
"शुभी कितनी सर्दी है यार 7 डिग्री टेंपरेचर है, क्यों बंदे पर ज़ुल्म कर रही हो"
"उठ जाइए और चलिए गोमती नदी किनारे.."
कुछ देर में कंपकंपाते हुए मनु शुभी का हाथ पकड़ पहुंच गया गोमती किनारे, जहां उसकी पसंदीदा चाय की टपरी से अदरक और इलायची की महक से भरी चाय की खुशबू आ रही थी।
"कितना खूबसूरत नज़ारा है ना मनु, यह कोहरा, टपरी तुम संग इश्क़ और सुबह की चाय और वो भी कुल्हड़ वाली।"