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Aishani Aishani

Children Stories Inspirational

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Aishani Aishani

Children Stories Inspirational

सुपर पावर

सुपर पावर

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"मम्मा बहुत तेज भूख लगी है कुछ खाने को दो ना..!"

"प्लीज़...? और हाँ, अनुष्ठा को भी देना इसने दो दिन से कुछ खाया नहीं है।" समर्थ अनुष्ठा की ओर मुड़ कर बोला!

"पर..! तुम्हे कैसे पता इसने दो दिन से कुछ नहीं खाया..?" लावण्या ने पूछा

"सुपर पॉवर से, आपने ही तो बताया था लास्ट मंथ"

"ओ हाँsss याद आया" कहते हुए हँस पड़ी वो ह्ह्ह्..

ये तो चुपचाप उदास होकर खड़ी थी , पूछने पर भी नहीं बताया इस पागल ने। समर्थ कुछ और कहता कि "अच्छा बस... बस..." कहते हुए लावण्या ने उसे रोक दिया और फिर दोनों को भोजन देने लगी।

अभी पिछले महीने ही तो आया था वो अलौकिक शक्ति को जानने के लिए...

लावण्या घर के काम में व्यस्त थी कि तभी उसका दस वर्षीय बेटा समर्थ उसके पास भागता हुआ आता है और उससे पूछता है,

"मम्मा..ये 'सुपर पावर 'क्या होता है.. ? "

समर्थ के इस सवाल पे लावण्या सोचने लगती है कि वो समर्थ को क्या बताए और कैसे समझाए कि क्या है ये सुपर पॉवर,.,?

" बोलो ना मम्मा क्या होता है ये और किसके पास होता है,.,?" समर्थ ने लावण्या का हाथ खींचते हुए कहा।

" अच्छा बाबा बताती हूँ पर उसके पहके मै जरा अपने काम तो पूरे कर लूँ फिर आराम से तुमको बताऊँगी, तब तक तुम भी अपने 'होमवर्क' फिनिश कर लो",यह कहकर वह पुनः अपने काम करने लगी और समर्थ भी अपने सवालों को लेकर फिर टेलीविजन पर 'टॉम एंड जेरी' देखने लगा।

                       काम से फुर्सत मिलते ही लावण्या सीधे समर्थ के पास जाती है जो कि अभी अपना होम वर्क कर रहा था, उसे यूँ लगन से पढ़ते देख वह बहुत ख़ुश होती है; समर्थ भी अपना काम ख़त्म करके फिर से अपने सवाल के जवाब पाने को मचल उठता है।

 "वह कहता है, बोलो ना मम्मा...!क्या है ये 'सुपर पॉवर'...?"

" हुं ssss " करती हुई लावण्या उसे बताती है;

 "सुपर पावर यानि एक 'अलौकिक शक्ति' है। "

"अलौकिया शक्ति'...! अब ये अलौकिक शक्ति क्या है...? " समर्थ ने आश्चर्य से पूछा

"अलौकिया शक्ति, एक विशेष गुण है जो हमसब के अंदर होता है कभी ईश्वर के द्वारा कभी हमारे ख़ुद के द्वारा अर्जित किया जाता है", लावण्या ने अपने बेटे को बताया।

"पर मम्मा ये कैसे होता है, क्या ये गुण हमारे अंदर भी है..? अगर है तो मुझे क्यों नहीं पता उसके बारे में.. ; बोलो ना मम्मा..!" समर्थ ने फिर सवाल किया।

" बेटा अलौकिक शक्ति तो ईश्वर के पास भी है जिससे वो हमारी सारी विशेश पूरे करता है, दिखता नहीं है पर सबको देखता है, उसी प्रकार हमसब के अंदर भी है छुपा हुआ दिखता नहीं है, उसे जानने के लिए हमें अपने ऊर्जा को सही दिशा में लगाना पड़ता है।

जानते हो हर बच्चे में छुपा होता है ये 'सुपर पॉवर' बस सबको पता नहीं होता है कि उसके अंदर सुपर पॉवर है और इससे अंजान होकर हार जाता है। अभी नीरज चोपड़ा को ही देखो जिसने अपने सुपर पॉवर से गोल्ड जीता है। जानते हो उन्होंने कैसे किया ये सब..?" लावण्या समर्थ से बोली।

" कैसे..?" ' समर्थ ने अपनी माँ से पूछा'

"अपने पॉवर को सुपर पॉवर बनाकर। बस थोड़ी मेहनत, लगन और मेडिटेशन से अपने पॉवर को सुपर पॉवर में बदल दिया और जीत गए। अरे..! वो छोटा सा लड़का शौर्य याद है ना तुम्हें..!"

उसने पूछा तो समर्थ बोल पड़ा, "हाँ मम्मा' वही ना जो उस दिन टी. वी. पर आ रहा था शायद को।कॉमन वेल्थ गेम में सबके आकर्षण का केन्द्र था वो!"

"हाँ.. हाँ.. वही, उसके मम्मा और गेम कोच ने उसे प्रेरित किया और वो असंभव को भी संभव कर गया।"

" अभी तुम रामायण देखते थे ना..! उसमें जो हनुमान जी थे ना उनके पास भी था सुपर पॉवर, पर उनको पता नहीं था, लावण्या बता ही रही थी कि समर्थ बोल पड़ा.. ' हाँ' मम्मा..! उन्होंने ने तो सूरज को भी खा लिया था फल समझ कर,"

ह्ह्ह्..ह्ह्ह.. बताते हुए हँस पड़ा समर्थ।

" हाँ, बिल्कुल सही कहा तुमने, और जब बड़े हुए तो सब भूल गए तब जामवंत जी को याद दिलाना पड़ा कि आपके पास है 'महाशक्ति' आप इस समुद्र को लाँघ सकते हँ। फिर क्या था हनुमान जी को याद आए गया अपना सुपर पॉवर।

   बेटा हमारा सुपर पॉवर हमारा परिवार होता है हमारी इच्छा शक्ति होती है। तुम्हारे पास भी है ये पॉवर। जब तुम पढ़ने बैठते हो तब वो शक्ति तुम्हारे पढाई पर तुमको केंद्रित करती है और तुम पढ़ पाते हो। लावण्या ने समर्थ को समझाया।

यदि तुम रोज सुबह उठो और थोड़ा व्यायाम योग और ध्यान करो तो तुम भी अपने सुपर पॉवर को जगा सकते हो। "

"थैंक्यू' मम्मा...!" कहकर समर्थ अपने पढ़ाई में लग गया। अब उसकी दिनचर्या बदल गई थी, आख़िर उसे अपना सुपर पॉवर जो पाना था।



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