सिमरन ओर रामेश्वर का डर
सिमरन ओर रामेश्वर का डर
रामेश्वर जो बहुत ही सुन्दर ओर अच्छा लडका था वह हॉस्टल मे रहता था उसके पीछे काफ़ी लड़कियां दीवानी थी लेकिन वह लड़की के पीछे कम भागता ओर अपनी मेहनत के पीछे ज्यादा भागता था एक दिन उस हॉस्टल मे एक नई लड़की आई थी जो बहुत ही सुन्दर थी जिसका नाम सिमरन था रामेश्वर मानो उसकी खूबसूरती में पूरी तरीके से डूब चुका था रामेश्वर को अब पढ़ाई मे भी इच्छा कम हो गई थी क्योंकि उसकी खूबसूरती उसके दिलो दिमाग में छा गई थी क्या कोई जादू था या कोई चमत्कार. क्योंकि रामेश्वर का लगाव हद से ज्यादा बढ़ने लगा था. एक रात जब रामेश्वर अपने कमरे में सो रहा था कि उसका किसी की आवाज आ रही थी छन छन .....
रामेश्वर काफ़ी डरा डरा लग रहा था लेकिन उसने हिम्मत करके दरवाजा खोला. देखा कि एक सिमरन जो उल्टे पैरो से चल रहीं थी वह काफ़ी डर गया उसकी मानो रातो की नीद खराब हो गई वह सिमरन को देख कर काफ़ी डरने लगा ओर सिमरन ओर कोई नहीं एक चुडैल थी जो आदमियों को अपना शिकार बनाती एक रात रामेश्वर सो रहा था उसके दरवाजे के खटने की आवाज आई और रामेश्वर का नाम लेकर उसको पुकार रही थी वह सिमरन के मायाजाल में फस गया था ओर उसको एक कब्रिस्तान में ले गई और वहां उसको मारने ही वाली थी तभी एक तांत्रिक बाबा आ गया ओर उस चुडैल को भस्म कर दिया अगली सुबह रामेश्वर अपने आप को कब्रिस्तान मे देखता ओर डर जाता. होस्टल वाले भी समझ नहीं पाते कि सिमरन गई तो गई कहां।