शेर का जन्मदिन
शेर का जन्मदिन
एक जंगल में बलवंत नाम का शेर रहता था । वह अपनी प्रजा से बहुत प्रेम करता था प्रजा भी अपने महाराज को बहुत चाहती थी एक बार सारी प्रजा ने अपने महाराज का जन्मदिन मनाने का निश्चय किया सभी नियत दिन पर अपने महाराज को उपहार लेकर गये । केतिया , भालू दोंना भरकर महाराज को शहद लेकर आया मार्तण्ड हाथी ताजे कमल के फूलों की माला लेकर आया । बन्दरों का सरदार किटकिटा बन्दर महाराज को मीठे - मीठे फल चुनकर लाया । झपोटिया बगुला महाराज को नदी से ताजी मछलियाँ चुनकर लाया । पिंगला खरगोश अपने नाजुक व मुलायम फरों से बना हुआ टोप लेकर आया । तनडोला सियार अपने महाराज को एक अच्छा सा मॉस का टुकड़ा लेकर आया । घुरघुरा सुअर महाराज को जमीन से खोदकर मणियाँ लाया । मृदंगी मोर अपने साथियों के साथ आया । पिंजी कोयल आकर राग अलापने लगी । मोरों ने नाचना शुरू कर दिया । दृश्य बहुत ही सुहावना व मन को हरने वाला था सभी अपने बलवंत महाराज की जय जयकार करने लगे । शेर बहुत ही खुश हुआ उसने हृदय से अपनी प्रजा की सराहना की । इस कहानी से हमें निम्न शिक्षायें मिलती
( 1 ) सभी को अपने - अपने ढंग से खुशियाँ मनाने का अधिकार है ।
( 2 ) राजा व प्रजा में सामंजस्य से चहुंओर आनन्द रहता है ।
( 3 ) बच्चों में तर्कशक्ति व जिज्ञासा का विकास होता है ।
