piyush pateriya

Children Stories Inspirational Children

4.9  

piyush pateriya

Children Stories Inspirational Children

सेल्फी किंग

सेल्फी किंग

5 mins
260


शहर के आम लड़को कि ही तरह पर अंदाज़ कुछ अलग हंसमुख मिजाज़,मददगार,और सबके साथ मिलजुल कर और सबके संग खुशी खुशी रहने वाला अभय जिसे सेल्फी किंग के नाम से भी जाना जाता है। सेल्फी किंग आज के सेल्फी कल्चर में पूरी तरह ढले हुए लोगों में से एक था पर अभय सिर्फ सेल्फी के लिए हि नहीं अपने मददगार व हंसमुख रवैये के लिए भी भली भांति जाना जाता है।

  रोते को हँसाना, बुजुर्गों को रोड़ पार करवाने में मदद करना मंदिर लेकर जाना घर छोड़ना, पड़ोसीयों के लिए दुकान से सामान लाना, बच्चों कि पढ़ाई में मदद करना, छोटे बच्चों को प्यार से खिलाना पर इन सबके बीच इन सब कामों कि सेल्फी लेकर अपलोड करना उसका पहला काम है। सेल्फी किंग नाम अभय को ऐसे हि नहीं मिला है। दोस्तों के जन्मदिन पर गिफ्ट कि खरीदी से लेकर केक के आखरी टुकड़े तक, बच्चे के रोने से उसे हंसाने तक, सिनेमा कि टिकट से पॉपकान के खत्म होने तक सब में सेल्फी के लिए तैयार रहने वाला सेल्फी किंग सोशल होने के अलावा एक अच्छे व्यक्तित्व का धनी भी है। रास्तों पर, सिग्नलों पर सामान बेचने वाले लोगों से महंगा हि सही पर उनकी छोटी सी सहायता को देखते हुए उनका सामान खरीदने वाले और दोस्तों को भी इस काम के लिए प्रेरित करने वाले सेल्फी किंग का एक किस्सा कुछ ऐसा है जब सेल्फी किंग अपने दोस्त के साथ घर जा रहा था तब एक महिला सिग्नल पर पैन बेच रही थी 

सेल्फी किंग अपने दोस्त के साथ उस ओर से जा रहा होता है।

महिला - पैन ले लो पैन, साहब पैन ले लो बहुत हि अच्छा पैन है,

सेल्फी किंग महिला के पास जाकर - ये पैन कितने का है।

महिला – साहब 10 रूपये का है।

सेल्फी किंग का दोस्त (आश्चर्य से) - पर ये तो 5 रूपये का है और सभी जगह पर आसानी से 5 रूपये में मिल जाता है

महिला – भैया 8 रूपये दे देना।

अभय – 8 नहीं ये आप पूरे 10 रूपये लीजिए और 1 पैन मुझे दे दीजिए।

पैन ले लेने के बाद सेल्फी किंग का दोस्त – मैं वही पैन तुझे 5 रूपये मे दिलवाता, किसी भी दुकान में वो आसानी से मिल जाता है। उसने तुझे लूट लिया, मैंने बोला भी था।

अभय – ये तो मुझे भी पता है पर तू हि सोच दुकान वाले वही सामान 3 रूपये में खरिदते हैं और हमें 5 रुपये में बेचते हैं और वो अंटी ने वही सामान 5 में खरीदकर 10 रुपये में बेचा। ज्यादा पैसे तो हमको दोनों तरफ देना पड़ रहा है।

और मैने वह इसलिए खरीदा क्योंकि महंगा हि सही कम से कम वह आंटी बाकि कुछ लोगों कि तरह औरो के समने हाथ तो नहीं फैला रही है। ये उनकी मेहनत की कमाई है और हमको तो ऐसे लोगों कि मदद करने के लिए संभव हो तो जरूर कुछ खरीद लेना चाहिए।

खैर ये तो अभय के रोज़ के अच्छे कामों में से एक है पर एक ऐसा किस्सा भी है जो सेल्फी किंग कि सेल्फी कि आदत के कारण मददगार साबित होती है।

आप सोच रहे होगें कि हमने तो आजतक सिर्फ लोगों को सेल्फी की वजह से मुसीबत में पड़ते देखा है पर यकीन मानिए तो सेल्फी किंग कि सेल्फी ने वाकई कमाल हि कर दिखाया और सेल्फी के शौकीन लोगों की दुनिया में अभय को सेल्फी किंग बनाया।

ये घटना कुछ ऐसी थी।

एक बार अभय रास्ते पर अपने मोबाईल का उपयोग करते हुए जा रहा था, थोडी दूर जाने के बाद उसे एक घर के सामने एक छोटा बच्चा रोता हुआ दिखाई देता है। दोपहर का समय होने के कारण कॉलोनी वीरान सी लगती है। कामकाजी लोग अपने-अपने काम पर चले जाते है और घर पर रहने वाले अधिक्तर लोग इस समय सो रहे होते है। अभय उस बच्चे के पास जाता है और उसे हंसाने कि कोशिश करता है पर बच्चा चुप नहीं होता। अब अभय वहां से उठकर थोडी दूरी पर स्थित दुकान से टॉफी लेकर आता है और टॉफी देकर बच्चे को चुप करने कि कोशिश करता है।

बच्चे के चुप हो जाने के बाद अभय उस बच्चे के साथ सेल्फी लेकर #ME AND A CUTE BABY #ENJOYING TOFEE लिखकर अपलोड कर देता है। अब सेल्फी किंग अभय उस बच्चे को वह जिस घर के गेट के सामने बैठा रहता है उस घर का बाहरी गेट खोलकर उसे घर के अन्दर बारामदे में सुरक्षित छोडकर चला जाता है।

थोडी हि देर में अभय के पोस्ट पर तारीफो भरे कमेंट आना शुरू हो जाते है, खैर यह सब हि हैं जो उसे आगे भी अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करते है।

अभय का एक मित्र अभय कि उस बच्चे के साथ वाली तस्वीर को लाइक करने के बाद जैसे हि पेज को ऊपर करता है उसे एक ऐसी तस्वीर दिखती है जो सेल्फी के दिवाने आम लड़के को सेल्फी किंग बनाती है।

अभय का वह मित्र देखता है कि जिस बच्चे के साथ अभय ने तस्वीर अपलोड कि है पेज अप करने के बाद हूबहु उसी बच्चे कि तस्वीर के साथ एक अहम पोस्ट रहती है जिसमें उस बच्चे के गुम होने कि सूचना लिखी होती है। अभय का वह मित्र बिना किसी देरी के उस पोस्ट को अभय को फारवर्ड करता है।

पोस्ट आते हि अभय उस पोस्ट को पढ़ता है। इस समय अभय बच्चे को सुरक्षित स्थान पर छोड़ने के बाद चलते चलते कुछ दूर आ चुका होता है पर गुम होने की खबर को पढ़ते हि वह दौडते हुए उस बच्चे के पास पहुँचता है। उस बच्चे के पास पहुँचने के बाद अभय देखता है कि जिस घर के बरामदे में उसने उस बच्चे को छोड़ा था उस घर में तो कोई था हि नहीं। उस घर में ताला लगा हुआ है और बच्चा भटकते भटकते उस घर के सामने आकर बैठकर रोने लगा था। अब अभय बच्चे को गोद में उठाता है उसके साथ एक सेल्फी लेता है और उसे बच्चे के गुम होने से संबंधित पोस्ट पर अपलोड करता है। इस पोस्ट को पढ़कर उस बच्चे के परिवारजन अभय से संपर्क कर अपने गुम हुए बच्चे को ढूँढ पाते है। इस तरह से एक गुम हुआ बच्चा सेल्फी के ज़रिए अपने परिवार तक पँहुचता है और यह किस्सा सेल्फी के दिवाने अभय को सेल्फी बाय से सेल्फी किंग बनाता है।


Rate this content
Log in