राजा नंगा है
राजा नंगा है
छः साल की राजो मुझे घूंघट काढे परांठे बेलते हुये देख रही थी ।मां तुम घूंघट क्यों काढ़ती हो ?? उसने पूछा ; "अरे, बाबा बैठे है " मैने ढलक गये घूंघट को नीचे खींचते हुये जबाब दिया । "लेकिन बाबा से तुम मुंह क्यों छुपाती हो ??बाबा तो किसी से मुंह नही छुपाते , वह तो खाली नेकर (निक्कर)पहन कर पूरे घर में घूमते हैं??"
>> अवाक् मै कुछ बोल नही पायी, बस स्कूल के उन दिनो की एक कहानी याद आ गयी जो कि एक मास्टर साहब ने सुनाई थी ; "एक राजा था ,उसने एक पारदर्शी पोशाक बनवायी और उसे पहन प्रजा के बीच गया और सबसे पूछा कि पोशाक कैसी है? सबने उसकी बहुत तारीफ की। केवल एक बच्चा हाथ में एक तख्ती उठाये खडा था जिस पर लिखा था "राजा नंगा है ।"
>> कहानी खतम।
>> लेकिन, मै हमेशा सोचती ,कि उस बच्चे का हश्र क्या हुआ होगा।
>> आज एक ऐसी ही तख्ती राजो ने भी हाथो में उठा ली थी ।
>> चटाक् की आवाज के साथ ससुर का रोबीला स्वर गूंजा "तमीज सिखाओ इसे।"
>> और उस कहानी का अंत आज समझ आया ।
>> राजा ने उस बच्चे का हाथ तख्ती सहित काट दिया होगा।