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Sunil Gupta teacher

Children Stories Inspirational

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Sunil Gupta teacher

Children Stories Inspirational

पति राम का घोड़ा

पति राम का घोड़ा

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 पतिराम का घोड़ा, चल भई चाल दिखादे।

चल भई चाल दिखा दे, दूल्हे राजा को बिठाले ।

 दूल्हा बैठा घोडे उपर , चला बारात को लेके ।

 आगे - आगे दूल्हे राजा , बड़े से बाजे लेके ।।


 प्राचीन काल से घोड़ा हमारा साथी रहा है घोड़ा एक अत्यन्त उपयोगी पालतू पशु है । प्राचीन काल की सेनाएं घोड़ों पर बैठकर ही युद्ध लड़ा करती थी महाराणा प्रताप के घोड़े का शौर्य जग जाहिर है उसका नाम चेतक था महारानी लक्ष्मीबाई ने भी अपने घोड़े पर बैठकर लड़ाई लड़ी थी व दुश्मनों के छक्के छुड़ाए थे घोड़े की इसी वीरता व साहस के कारण किसी भी मशीन के इंजन की ताकत को अश्व घोड़े अश्वशक्ति से मापते हैं । घोड़ा हमारी सेना में भी शामिल है घुड़सवार टुकड़ी भारत के राष्ट्रपति के दस्ते की शान है प्राचीन काल से घोड़ा बंजारों का व हमारे पूर्वजों का धन्धा सहयोगी रहा है बाबा भारती के घोड़े की कहानी तो तुमने सुनी होगी कि वह अपने घोड़े से कितना प्यार करते थे । उसका नाम सुल्तान था । पहले यातायात के साधनों में घोड़ा गाड़ी यानि तांगा शान की सवारी समझी जाती थी । अब धीरे - धीरे रखरखाव व खानपान की कमी के कारण घोड़े की प्रजाति कम होती जा रही है । समुद्र मंथन से भी एक उच्चश्रवा नाम का घोड़ा निकला था जिसको चौदह रत्नों में गिना जाता है घोड़े के बगैर दूल्हे राजा की शान अधूरी रहती है घोड़े को ट्रेनर ट्रेन्ड करके मनभावन नृत्य दिखाते हैं अत : घोड़ा हर दृष्टि से हमारे लिए बहुउपयोगी पालतू जानवर है । इस कहानी से हमें निम्न शिक्षा मिलती हैं

 ( 1 ) घोड़े का प्राचीन महत्व । 

( 2 ) अश्वशक्ति की जानकारी होना । 

( 3 ) ' चेतक ' , " उच्चश्रवा ' बाबा भारती का घोड़ा सुल्तान इत्यादि की जानकारी

 ( 4 ) दूल्हे राजा की शान की सवारी ।




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