परिभाषा ~~
परिभाषा ~~
मेरी बेटी डॉली इस बार तीन चार दिन की छुट्टियों में अपने कॉलेज की सहेली के साथ घर आई l डॉली ने अपनी सहेली के भी कुछ कपड़े मुझे धोने के लिए दिये, धुले कपड़ों को रखते समय मैंने उसके बैग के ऊपर देखा.. उसकी सहेली की एक लड़के के साथ असामान्य हालत में कुछ फोटो रखी हुई थी, मेरा दिल धड़क गया... "अरे, ये क्या है!" मैंने घबराते हुए तुरंत डॉली को बुलाया और फोटो के बारे में बताते हुए कहा - "बेटा, तुम्हारी सहेली ठीक नहीं है!" तो डॉली सामान्य ढंग से बोली-"आप भी ना मम्मी..!छोटी छोटी बातों से घबरा जाती हो, आजकल जमाना बदल गया है! ये तो आपके जमाने में होता था, कि लड़की लड़के वालों के सामने चाय लेकर निकलती थी, और वो रिश्ता समझौते के आधार पर ज़िंदगी भर के लिए बँध जाता था l"तो मैंने डॉली से कहा - "और अब..?" "मम्मा अब लिव इन रिलेशनशिप का जमाना है l एक रिश्ता ठीक लगे तो आजीवन बँधो.. नहीं तो दूसरे ऑप्शन देखो l"
"तुम्हारा कहने का मतलब है कि,अब रिश्ता भी यूज़ एंड थ्रो मैंने तुरंत गुस्से में कहा.. !" ये सुनते ही "क्या मम्मी आप भी ना , कुछ भी अर्थ लगा लेती हो..!" कहकर नाराज़ होते हुए डॉली अपने रूम में चली गई... पर मुझे दे गई रिश्तों की नई परिभाषा... जिसे मैं आसानी से पचा नहीं पा रही थी l