प्राइज़मनी
प्राइज़मनी
अक्सर कई बार ऐसे मैसेज आते हैं जिन्हें पढ़कर दिल बलियां उछलने लगता है जैसे कारू का खज़ाना मिल गया हो। मेरे पास भी ऐसा ही लुभावना मैसेज आया,अब तो मैं खुशी के मारे पागल, उस छोटे से मैसेज के अंदर वो जादू था कि बस कुछ ना पूछो, कितना प्यारा और दिलफरेब मैसेज था - आपको पच्चीस लाख का प्राइज मिला है इसलिए अपना बैंक अकाउंट नंबर भेज दीजिए ताकि आपकी प्राइजमनी आपके खाते में जमा कर दी जाय। उनसे ज्यादा जल्दी तो मुझे थी, ऑनलाइन वगैरह तो कुछ आता नहीं था सो बैंक जाने का सोचा। काम निपटाकर अब घर से निकलने वाली थी कि मेरी सखी सलमा आ गई , आते ही बोली - माशा अल्लाह , इतनी खुशी में सवारी कहां के लिए निकल रही है ?
अच्छा हुआ तू आ गई, रीतेश भी बाहर गए हुए हैं उनका फोन भी नहीं लग रहा है और किसी को तो बता नहीं सकती थी तुझसे क्या छुपाना, तू तो मेरी अपनी है। क्या बताऊँ यार, खुशी इतनी है कि बर्दाश्त ही नहीं हो रही है।
कोई खजाना मिल गया ?
हां यार, खजाना ही तो है... ये देख, देखते ही उसने ऐसा ठहाका मारा कि मैं हक्की -बक्की ... लेकिन गुस्सा भी आया - तू पागल है जो,
मेरी जान, पागल तो तू हो रही है। इतना बड़ा इनाम और पहले से कहीं से कोई सूचना नहीं, जानकारी नहीं और इस टुच्चे से मैसेज में इतनी बड़ी खबर। यार ऐसा ही मैसेज मेरी पड़ोसन रजनी को आया था अभी दो महीने पहले। उसने किसी को कुछ न बताकर अपना अकाउंट नंबर दे दिया, खाते में चालीस हजार थे वो भी चले गए। बड़े मज़े की बात तो यह - बाद में न वो नंबर लगता है न कुछ ट्रेस होता है, पहले नंबर भी लगता है कोई बंदा बात भी करता है, सारा समाधान भी करता है जैसे ही पैसे जमा हुए सब बंद। इस तरह उसी के पास उसके दूसरे नंबर पर फिर मैसेज आया जब बात की तो वहां कोई दूसरा बंदा कहता है मैडम आपके साथ फ्राॅड हुआ है... हमारी कंपनी आपको बाक़ायदा प्राइज़ देती है एक नंबर देकर कहा - आप यहां तसल्ली कर सकते हैं। फोन लगाया तो सुनाई देता है - यह नंबर अस्तित्व में नहीं है।
ऐसे लोग सच में बड़े चालाक होते हैं.. कभी अस्तित्व में होते ही नहीं है। उस बात को दस साल हो गए मगर वो मैसेज मेरे दिलो-दिमाग पर आज भी तरोताजा है, जस का तस अंकित है। वाह री प्राइजमनी।